tag:blogger.com,1999:blog-3994263601620952176.post7099733539652608536..comments2023-08-25T17:33:17.806+05:30Comments on नया घर ( NEW HOME): तीन किस्म के जानवरविनोद पाराशरhttp://www.blogger.com/profile/16819797286803397393noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3994263601620952176.post-45115209653438399032007-06-27T18:48:00.000+05:302007-06-27T18:48:00.000+05:30विद्रोही जी, टिप्पणी के लिए धन्यवाद.उक्त कविता लगभ...विद्रोही जी, <BR/>टिप्पणी के लिए धन्यवाद.उक्त कविता लगभग 20 साल पहले लिखी थी.उस समय जॆसी मन:स्थिती थी वॆसी लिखी गई.विनोद पाराशरhttps://www.blogger.com/profile/16819797286803397393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3994263601620952176.post-46115001556614219892007-06-27T02:55:00.000+05:302007-06-27T02:55:00.000+05:30कमाल करते हैं, हद है, दौड़ने वाले उड़ने वालों को द...कमाल करते हैं, हद है, <BR/><BR/>दौड़ने वाले उड़ने वालों को देखते हैं...<BR/><BR/>इतनी कविता नहीं बनी आपसे.आदिविद्रोहीhttps://www.blogger.com/profile/14896919306295122093noreply@blogger.com