मेरे जीवन के खट्टे-मीठे
अनुभवों की काव्यात्मक
अभिव्यक्ती का संग्रह हॆ-
यह ’नया घर’.
हो सकता हॆ मेरा कोई अनुभव
आपके अनुभव से मेल खा जाये-
इसी आशा के साथ ’नया घर’
आपके हाथों में.
परिचय
रविवार, 27 मई 2007
जांच-आयोग
हमने- एक खद्दर-घारी नेता से पूछा ये जांच-आयोग क्या बला हॆ ? वो मुस्कराकर बोले- उठे हुए मामले को दबाने की आधुनिक कला हॆ। ********
2 टिप्पणियां:
ऐसे ही प्रहार करना क़ायम रखें .. बहुत ही सुंदर और सच्ची अभिव्यक्ति ,, बधाई
बहुत बढिया!
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