मेरे जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों की काव्यात्मक अभिव्यक्ती का संग्रह हॆ- यह ’नया घर’. हो सकता हॆ मेरा कोई अनुभव आपके अनुभव से मेल खा जाये- इसी आशा के साथ ’नया घर’ आपके हाथों में.
नमस्ते, विनोद जी. यह अच्छा रहा तस्वीर भी आ गई. :)
धन्यवाद भाई जी,मेरी कविता से तो आप पहले ही मिल चुके हॆ,सोचा मॆं भी मुंह दिखाई की रस्म निभा ही दूं.
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2 टिप्पणियां:
नमस्ते, विनोद जी. यह अच्छा रहा तस्वीर भी आ गई. :)
धन्यवाद भाई जी,मेरी कविता से तो आप पहले ही मिल चुके हॆ,सोचा मॆं भी मुंह दिखाई की रस्म निभा ही दूं.
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