मेरे जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों की काव्यात्मक अभिव्यक्ती का संग्रह हॆ- यह ’नया घर’. हो सकता हॆ मेरा कोई अनुभव आपके अनुभव से मेल खा जाये- इसी आशा के साथ ’नया घर’ आपके हाथों में.
बहुत खूब....लिखते रहें...कलम घिसते रहें...सॉरी कीबोर्ड के ज़माने में कलम-दवात कहाँ से आ गई?
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बहुत खूब....लिखते रहें...
कलम घिसते रहें...
सॉरी कीबोर्ड के ज़माने में कलम-दवात कहाँ से आ
गई?
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