परिचय

मंगलवार, 15 फ़रवरी 2022

कोई आये कोई जाये हमको क्या!





कोई आये कोई जाये, हमको क्या

देश चाहे भाड़ में जाये,हमको क्या!


ख़ूब खायेंगे हम !  हलवा-पूरी

चाहे कोई भूखा सोये, हमको क्या!


घूमेंगे हम नये पेंट-कोट में

उसकी चाहे फटे लंगोटी, हमको क्या!


हमारे पास तो आलीशान महल है

उसका चाहे टूटे छप्पर, हमको क्या!


विपदा जब हम पर टूटेगी, तब देखेंगें

अभी तो हम चैन से सोये, हमको क्या!


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