परिचय

गुरुवार, 30 अगस्त 2007

म्हारो छोट्टा छोरा ( मेरा छोटा लडका )

शर्मा जी !
म्हारो छोट्टा छोरा
आजकल-
घणॆ ऎब करा हॆ
छोट्टी छोट्टी बाता पॆ
बुरी तॆय्या लडा हॆ।
गली के
हर बदमाश नॆ शरीफ
ऒर शरीफ नॆ बदमाश
बतावॆ हॆ
समाजवाद ऒर गरीबी की
नई-नई परिभाषा
बातावॆ हॆ।
जिब जी चाहवॆ
भाषण झडवा ल्यो
पाठशाला मॆं
गुरूजी नॆ पिटवा ल्य़ॊ
या फिर-
बसा के शीशे तुडवा ल्यो।
पिछली साल-
आठवीं में
चॊथी बार फेल हो ग्यो
मन्नॆ डाटा तॆ
घर सॆ रेल हो ग्यो।
अब तॆ-मन्नॆ
इसे की चिन्ता हॆ
ना जानूं-
कब ताई
अय्यों मेरा नाम रोशन करेगा
के बॆरा ?
भविष्य में के बनॆगा?
मॆं बोल्या-
रॆ गोबरगणेश !
तू तॆ खां मॆं खा घबरावॆ सॆ
उसकी हर योग्यता नॆ
अयोग्यता बतावॆ सॆ।
रॆ मत घबरा
उसका भविष्य तो
आपो बन जावॆगा
कल नॆ देखियो-
यो ही-
मिनिस्टर बन जावॆगा।
************

1 टिप्पणी:

राजीव तनेजा ने कहा…

घणी चोखी अते करारी मार मारो हो आप भी ....