परिचय

रविवार, 7 अक्तूबर 2007

ना लायक हॆ.

हमने उनसे पूछा-
आपका बेटा-बेकूफ हॆ?
वो बोले-
’ना लायक’ हॆ.

आत्मनिर्भरता
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वो-
पहले-पडे थे
अब-
खडे हॆं
चलो-
आत्मनिर्भरता की ओर
कुछ तो बढे हॆं.
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1 टिप्पणी:

राजीव तनेजा ने कहा…

बहुत खूब....लिखते रहें...

कलम घिसते रहें...

सॉरी कीबोर्ड के ज़माने में कलम-दवात कहाँ से आ
गई?