परिचय

गुरुवार, 24 मई 2007

’न’ ऒर ’अ’

’तुम उसे जानते हो ?’
’नहीं.’
’पहचानते हो ?’
’नहीं.’
’कहीं देखा ?’
’नहीं.’
जानते हो...नहीं !
पहचानते हो...नहीं !!
कहीं देखा...नहीं !!!
नहीं!नहीं!!नहीं!!!
फिर भी...
मूर्ख !...अंधविश्वासी !!...हठधर्मी !!!
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1 टिप्पणी:

Divine India ने कहा…

क्योंकि वह अनिर्वचनीय है…।