परिचय

गुरुवार, 31 मई 2007

भिखारी

चुनाव के मॊसम में
एक भिखारी
मेरे दरवाजे पर आता हॆ
भविष्य के-
सुनहरे स्वप्न दिखाकर
लूट ले जाता हॆ.
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1 टिप्पणी:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढिया लिखा है।बधाई।