परिचय

रविवार, 15 अप्रैल 2007

नया घर

नहीं मेरे दोस्त
कुछ नहीं होगा
इस घर की कुछ ईंटे बदलने से।
यदि कुछ करना चाहते हो
तो पहले इसकी हर दीवार गिराऒ
ऒर फिर-
उस जगह पर
नया घर बनाऒ।
नयी खिडकियां
नये दरवाजे
नये रोशनदान
इस तरह से लगाओ
कि-
घर का कोई कोना
तुम पर
न लगा सके
पक्षपात का आरोप।
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