परिचय

रविवार, 15 अप्रैल 2007

स्वागतम

सभी मित्रों का ’नया घर’ में स्वागत हॆ.

2 टिप्‍पणियां:

ePandit ने कहा…

नये घर में आपका स्वागत है विनोद जी, उम्मीद है अब यहाँ नियमित पढ़ने को मिलता रहेगा।

विनोद पाराशर ने कहा…

धन्यवाद श्रीश जी,थोडा इन्तजार कीजिए धीरे-धीरे अपनी सभी कवितायें इस नये घर में रखूंगा.आप समय पर मेरा मार्गदर्शन करते रहिए.